Sambhal News|| संभल में बावड़ी की खुदाई को बीच में रोकने का कारण संरचना की सुरक्षा को प्राथमिकता देना था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने पाया कि खुदाई से बावड़ी की दीवारें कमजोर पड़ रही हैं। इस कारण, संरचना को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए खुदाई रोकना जरूरी हो गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चेतावनी क्यों जारी की?
- संरचना को खतरा: खुदाई से बावड़ी की दीवारें ढह सकती थीं।
- पुराने अवशेष: खुदाई से मिलने वाले पुराने अवशेष क्षतिग्रस्त हो सकते थे।
- संरचना की सही जानकारी: बिना योजना के खुदाई से बावड़ी के बारे में सही जानकारी मिलना मुश्किल होता।
ASI की चेतावनी: संरचनात्मक नुकसान का खतरा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चेतावनी दी कि यदि खुदाई जारी रहती, तो इस ऐतिहासिक धरोहर को स्थायी क्षति हो सकती थी। इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय प्रशासन को भी इस मामले में सावधानी बरतने का सुझाव दिया।
यह निर्णय ऐतिहासिक संरचनाओं के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
खुदाई रोकने का कारण: ऐतिहासिक संरचना को बचाने की आवश्यकता
खुदाई के दौरान इस बावड़ी में दुर्लभ संरचनाएं और पुरावशेष मिलने लगे। इन संरचनाओं की स्थिति नाजुक थी, और यह अंदेशा था कि खुदाई का काम जारी रहने से इनका नुकसान हो सकता है। पुरातत्व विभाग (ASI) ने इसके आधार पर खुदाई को बीच में रोकने का निर्देश दिया।
पुरातात्विक खोजें
- प्राचीन मूर्तियां और शिलालेख – खुदाई के दौरान कुछ प्राचीन मूर्तियां और शिलालेख मिले, जिनका ऐतिहासिक महत्व बेहद ऊंचा है।
- जल संरक्षण प्रणाली – बावड़ी में प्राचीन जल संरक्षण प्रणाली का साक्ष्य मिला, जो उस समय की इंजीनियरिंग क्षमता को दर्शाता है।
बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व
संभल की यह बावड़ी न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय धरोहर का हिस्सा है।
- स्थापत्य कला: यह बावड़ी मध्यकालीन स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- धार्मिक महत्व: कहा जाता है कि इस बावड़ी का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए किया जाता था।
- जल संरक्षण: यह बावड़ी क्षेत्र में जल संकट को दूर करने का एक प्रमुख साधन रही है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
बावड़ी की खुदाई रुकने से स्थानीय जनता के बीच कई सवाल उठे।
- कुछ लोगों ने कहा कि यह कदम सही था क्योंकि इससे धरोहर को संरक्षित किया जा सकता है।
- वहीं, कुछ का मानना था कि खुदाई पूरी होनी चाहिए ताकि बावड़ी के इतिहास और महत्व को और अच्छे से समझा जा सके।
संरक्षण के लिए उठाए गए कदम
ASI ने इस बावड़ी को संरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- डॉक्यूमेंटेशन: बावड़ी की संरचना और पुरावशेषों का पूरा डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है।
- रिस्टोरेशन प्लान: बावड़ी को बहाल करने और इसे संरक्षित करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है।
- स्थानीय प्रशासन का सहयोग: स्थानीय प्रशासन को भी इस धरोहर को बचाने में सहयोग देने का निर्देश दिया गया है।
Sambhal News, भविष्य की योजनाएं
इस ऐतिहासिक धरोहर को पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।
- हेरिटेज टूरिज्म: इस बावड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
- शैक्षणिक पहल: स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए इस बावड़ी पर आधारित शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- स्थानीय रोजगार: संरक्षण परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
संभल की यह बावड़ी एक अमूल्य धरोहर है, जो हमारे अतीत की गवाही देती है। खुदाई रोकने का फैसला ऐतिहासिक संरचना को बचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। ASI और स्थानीय प्रशासन को इस धरोहर को संरक्षित रखने के लिए संयुक्त रूप से काम करना चाहिए।