ब्रिटेन में पढ़ाई के दौरान मनमोहन सिंह ने झेली आर्थिक तंगी
नई दिल्ली, 30 दिसंबर। 1950 के दशक के मध्य में, जब मनमोहन सिंह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति पर पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई बार हालात ऐसे बन गए कि वे भोजन नहीं कर पाते थे और केवल छह पेंस की “कैडबरी” चॉकलेट खाकर दिन गुजारने को मजबूर हो जाते थे। इस बात का उल्लेख उनकी बेटी दमन सिंह ने अपनी किताब में किया है। मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी की ऑनर्स डिग्री प्राप्त की थी।
दमन सिंह ने 2014 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “स्ट्रिक्टली पर्सनल – मनमोहन एंड गुरशरण”
दमन सिंह ने 2014 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “स्ट्रिक्टली पर्सनल – मनमोहन एंड गुरशरण” में अपने माता-पिता की कहानी साझा की है। उन्होंने लिखा कि उनके पिता अक्सर गांव में बिताए अपने कठिन शुरुआती दिनों के अनुभव साझा किया करते थे। मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब के गाह नामक गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
दमन ने एक घटना का उल्लेख किया, जब उनकी बहन किकी ने अपने पिता से पूछा कि क्या वे गाह वापस जाना चाहते हैं। इसके जवाब में मनमोहन सिंह ने शालीनता से कहा, “नहीं, वास्तव में नहीं। वहीं पर मेरे दादा की हत्या हुई थी।”
दमन ने यह भी बताया कि ब्रिटेन में पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद उनके पिता ने अपने खर्चों को संभालने की पूरी कोशिश की। कैम्ब्रिज में उनकी सबसे बड़ी समस्या पैसों की थी, क्योंकि सालाना ट्यूशन और रहने का खर्च लगभग 600 पाउंड था, जबकि पंजाब विश्वविद्यालय से मिलने वाली छात्रवृत्ति सिर्फ 160 पाउंड थी। बाकी रकम के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।