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पटना के लोकप्रिय शिक्षक खान सर हाल ही में बिहार के युवाओं के बीच एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उनके नेतृत्व में हजारों छात्र सड़कों पर उतरे और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पैटर्न में किए गए बदलावों के खिलाफ आवाज उठाई।
आंदोलन की ज्वाला
बिहार सरकार ने BPSC Exam पैटर्न में कुछ बदलाव किए थे, जिससे छात्रों को परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। नए पैटर्न में प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा के बीच कम अंतर रखा गया था, जिससे छात्रों के पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था। इसके अलावा, कुछ विषयों का सिलेबस भी बदला गया था, जिससे छात्रों की तैयारी प्रभावित हुई।
खान सर (Khan Sir) का नेतृत्व
खान सर ने इस मुद्दे को उठाया और छात्रों को एकजुट किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर छात्रों तक अपनी बात पहुंचाई और उन्हें आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रभावशाली भाषणों और वीडियो संदेशों ने छात्रों को काफी उत्साहित किया और उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए प्रेरित किया।
हिरासत और विरोध की आग
Khan Sir की सक्रियता से Bihar Government नाराज़ हो गई और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। सड़कों पर उतरकर छात्रों ने खान सर की रिहाई की मांग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
स्वास्थ्य संकट
हिरासत के दौरान खान सर (Khan Sir Patna) की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस खबर से छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने Bihar Government को कड़ी निंदा की। खान सर के स्वास्थ्य की चिंता ने पूरे राज्य में एक भावनात्मक लहर पैदा कर दी।
डिजिटल युग का आंदोलन
सोशल मीडिया पर भी खान सर के समर्थन में आवाज उठी। #FreeKhanSir और #ISupportKhanSir जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। छात्रों, शिक्षकों और आम लोगों ने खान सर की रिहाई की मांग की और सरकार की कार्रवाई की निंदा की।
सरकार का दबाव में झुकना
सरकार ने दबाव में आकर खान सर को रिहा कर दिया, लेकिन छात्रों का आंदोलन अभी भी जारी है। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि BPSC परीक्षा पैटर्न में किए गए बदलावों को वापस लिया जाए और छात्रों के हितों का ध्यान रखा जाए।
एक नई पीढ़ी का उदय
खान सर ने एक साधारण शिक्षक से एक युवा आइकन का रूप ले लिया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि शिक्षक भी समाज में बदलाव ला सकते हैं। उनके नेतृत्व में छात्रों ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई और सरकार को झुकाने में सफल रहे।
खान सर का यह आंदोलन बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकता है। यह दिखाता है कि युवा शक्ति कितनी ताकतवर हो सकती है और कैसे वे अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं।