प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में अपने शोक का इजहार किया और उनके योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, “अमेरिका के पूर्व-राष्ट्रपति श्री जिमी कार्टर के निधन से मुझे बहुत दुःख हुआ। वे एक महान दूरदर्शी राजनेता थे, जिन्होंने वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए अथक प्रयास किए।” उन्होंने कार्टर की महानता को स्वीकार करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से पूरी दुनिया को शांति और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिला।
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, “भारत-अमेरिका के रिश्तों को मजबूत बनाने में उनके योगदान ने एक स्थायी विरासत छोड़ दी है।” मोदी ने जिमी कार्टर के योगदान को याद करते हुए यह कहा कि उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव सदियों तक महसूस किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने जिमी कार्टर के परिवार, दोस्तों और अमेरिका के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं भी व्यक्त की। उनके निधन को एक महान नेता की विदाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में स्थायी छाप छोड़ी।
जिमी कार्टर का जीवन और योगदान
जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को हुआ था, और उन्होंने 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके कार्यों में, मध्य पूर्व में शांति प्रयास, जैसे कि इज़राइल और मिस्र के बीच 1978 का कैम्प डेविड समझौता, विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे।
इसके अलावा, राष्ट्रपति पद के बाद भी कार्टर ने सामाजिक और मानवाधिकार मुद्दों पर अपनी सक्रियता बनाए रखी। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। कार्टर को 2002 में ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से नवाजा गया था, जो उनके शांति और मानवाधिकार के क्षेत्र में किए गए योगदान को मान्यता देने के रूप में था।
भारत और अमेरिका के रिश्तों में कार्टर का योगदान
जिमी कार्टर का भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को मजबूत करने में भी अहम योगदान था। उनके शासनकाल में, भारत और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौते हुए, जिनसे दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिला। विशेष रूप से, उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भारत के प्रयासों को समझा और सराहा, जो आज भी भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण बुनियाद है।
दुनिया भर में शोक की लहर
जिमी कार्टर के निधन के बाद, दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न देशों के नेताओं और जन प्रतिनिधियों ने उनके योगदान की सराहना की है और उनके निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया है। उनका जीवन शांति, सामंजस्य और संघर्षों के समाधान के प्रति समर्पित रहा, जिससे वे न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया में एक सम्मानित व्यक्तित्व बन गए थे।
जिमी कार्टर का निधन एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसमें पूरी दुनिया ने एक महान नेता को खो दिया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनके दृष्टिकोण ने पूरी दुनिया में एक स्थायी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए जो बातें कहीं, वह यह दर्शाती हैं कि जिमी कार्टर का योगदान केवल अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि भारत और अन्य देशों के लिए भी अनमोल रहेगा।
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