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हाल ही में किए गए एक अध्ययन में भारत में कई दवाओं के गुणवत्ता परीक्षण में असफल होने की खबर सामने आई है। यह स्थिति न केवल मरीजों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास को भी कमजोर कर रही है। इस लेख में, हम जानेंगे कि इन दवाओं की गुणवत्ता से जुड़ी समस्याएं क्या हैं और असली दवाओं की पहचान कैसे की जा सकती है।
दवाओं की गुणवत्ता पर संकट:
भारत में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय औषधि नियंत्रण ब्यूरो (DCGI) और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा कई कदम उठाए जाते हैं। हालाँकि, हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, कई दवाएं मानक गुणवत्ता परीक्षण में विफल हो गईं। इस स्थिति का मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- निर्माण प्रक्रियाओं में कमी: कुछ दवा निर्माता मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे दवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
- सस्ते कच्चे माल का उपयोग: कई कंपनियां लाभ के लिए सस्ते कच्चे माल का इस्तेमाल करती हैं, जिससे दवाओं की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- संग्रहण और परिवहन में लापरवाही: दवाओं को सही तापमान और परिस्थितियों में संग्रहित न करने के कारण उनकी प्रभावशीलता कम हो सकती है।
असली दवाओं की पहचान कैसे करें?
असली दवाओं की पहचान ( asalee davaon kee pahachaan ) करना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि आप सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्राप्त कर सकें। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप असली दवाओं की पहचान कर सकते हैं:
- पैकेजिंग और लेबल की जांच:
- होलोग्राम: असली दवाओं के पैकेजिंग पर अक्सर हॉलोग्राम या सुरक्षा चिन्ह होते हैं। इन्हें ध्यान से जांचें।
- लेबलिंग: दवा के लेबल पर निर्माता का नाम, उत्पादन और समाप्ति तिथि, और निर्माण लाइसेंस नंबर होना चाहिए।
- दवा की उपस्थिति:
- रंग और आकार: दवा की गोलियों या कैप्सूल का रंग और आकार उनके वास्तविक रूप से मेल खाना चाहिए। किसी भी असामान्य विशेषता पर संदेह करें।
- कीमत:
- अत्यधिक कम कीमत: अगर कोई दवा सामान्य बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर उपलब्ध है, तो यह नकली हो सकती है।
- खरीदने का स्थान:
- विश्वसनीय फर्मों से खरीदें: हमेशा नामी और मान्यता प्राप्त फार्मेसियों से ही दवाएं खरीदें। ऑनलाइन खरीदते समय साइट की प्रमाणिकता जांचें।
- नियामक एजेंसियों की जांच:
- अनुमोदन स्टैम्प: दवा के पैकेजिंग पर भारतीय औषधि नियंत्रण ब्यूरो (DCGI) द्वारा अनुमोदन का स्टैम्प होना चाहिए।
- समीक्षाएं और फीडबैक:
- अन्य उपयोगकर्ताओं से जानकारी लें: दवा के बारे में ऑनलाइन समीक्षाएं और फीडबैक पढ़ें, जो आपको उसकी प्रभावशीलता और गुणवत्ता के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
निष्कर्ष:
भारत में दवाओं की गुणवत्ता एक गंभीर मुद्दा है, और इससे निपटने के लिए जागरूकता आवश्यक है। असली दवाओं की पहचान करने की जानकारी होना न केवल आपकी सेहत के लिए बल्कि आपके परिवार की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब भी आप दवा खरीदें, तो सावधानी बरतें और हमेशा गुणवत्ता मानकों की जांच करें।
इस प्रकार, समाज में एक स्वस्थ और सुरक्षित दवा प्रणाली का निर्माण किया जा सकता है, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ेगा और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
सारांश:
भारत में कई दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई हैं, जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। असली दवाओं की पहचान करने के लिए पैकेजिंग, लेबलिंग, कीमत, और खरीदने के स्थान की जांच करें। जागरूकता और सावधानी बरतने से सुरक्षित दवा प्राप्त की जा सकती है