02/01/2025| बिहार में BPSC Exam को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। देशभर में सिविल सेवा परीक्षाओं को लेकर जागरूकता और पारदर्शिता की मांग लंबे समय से हो रही है। इस बार बिहार में प्रशांत किशोर ने परीक्षा प्रणाली में सुधार और BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे और इससे जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझेंगे।
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन: मुख्य कारण
प्रशांत किशोर, जो एक राजनीतिक रणनीतिकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने BPSC Exam में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और इसके कारण हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
BPSC Exam में भ्रष्टाचार के आरोप
- प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं
- परीक्षा परिणाम में देरी
- अयोग्य उम्मीदवारों का चयन
- अनुचित तरीके से इंटरव्यू मार्क्स देना
इन समस्याओं को लेकर प्रशांत किशोर ने सरकार और प्रशासन को घेरते हुए कहा है कि अगर तुरंत सुधार नहीं किया गया तो यह राज्य की शिक्षा प्रणाली पर गहरा असर डाल सकता है।
आमरण अनशन के प्रभाव
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह बिहार के युवाओं की आवाज बन चुका है। उनका यह कदम राज्यभर के छात्रों को प्रेरित कर रहा है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ें।
छात्रों का समर्थन
प्रशांत किशोर के इस आंदोलन को राज्यभर के छात्रों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन किए और सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे जांच करवा रही हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, प्रशांत किशोर ने इसे केवल आश्वासन करार दिया और कहा कि जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, उनका अनशन जारी रहेगा।
BPSC Exam की वर्तमान स्थिति
BPSC Examबिहार में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जो छात्रों को सरकारी सेवाओं में भर्ती का अवसर प्रदान करती है। लेकिन हाल के विवादों ने इस परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की मांग
प्रशांत किशोर ने परीक्षा प्रक्रिया में निम्नलिखित सुधारों की मांग की है:
- प्रश्न पत्र लीक रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय
- ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली लागू करना
- समय पर परिणाम जारी करना
- उम्मीदवारों की शिकायतों का त्वरित समाधान
छात्रों के भविष्य पर प्रभाव
BPSC Exam में हो रही अनियमितताओं से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। जो छात्र सालों तक मेहनत करते हैं, वे ऐसी घटनाओं के कारण हताश और निराश हो जाते हैं।
मनौवैज्ञानिक दबाव
इस तरह की घटनाओं से छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ता है। वे अपनी मेहनत पर भरोसा खो देते हैं और भविष्य को लेकर अनिश्चित हो जाते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में गिरता विश्वास
अगर परीक्षा प्रक्रिया में सुधार नहीं किया गया तो प्रतियोगी परीक्षाओं पर से छात्रों का विश्वास उठ सकता है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान होगा।
न्यायपालिका और प्रशासन की भूमिका
BPSC Exam विवाद को लेकर न्यायपालिका और प्रशासन की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कई मामलों में अदालत ने परीक्षा रद्द करवा दी है और छात्रों के हितों की रक्षा की है।
सरकार के प्रति बढ़ती जिम्मेदारी
सरकार पर यह जिम्मेदारी है कि वह परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए।
प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता
प्रशासन को भी चाहिए कि वह परीक्षा संचालन में ईमानदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करे।
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करता है, जो केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शिक्षा प्रणाली के लिए एक सीख है। BPSC परीक्षा में सुधार और पारदर्शिता लाना जरूरी है, ताकि योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिल सके।
अगर सरकार समय रहते इस मुद्दे को नहीं सुलझाती, तो इसका असर छात्रों के भविष्य और राज्य की छवि पर पड़ेगा।