महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने एक विवादास्पद बयान देते हुए केरल को “मिनी पाकिस्तान” करार दिया है। उन्होंने यह बयान पुणे जिले के पुरंदर में आयोजित एक रैली में दिया, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा। राणे ने आरोप लगाया कि राहुल और प्रियंका गांधी मुस्लिम समुदाय की मदद से चुनाव जीतते हैं और उनके समर्थन में आतंकवादी संगठन भी शामिल होते हैं।
नितेश राणे का बयान
नितेश राणे ने कहा, “राहुल और प्रियंका गांधी के चुनाव जीतने के पीछे मुस्लिम समुदाय का बड़ा हाथ है। यह सच है, आप इसे किसी से भी पूछ सकते हैं। वे आतंकवादियों के वोटों से जीतते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी के चुनावी जीत में आतंकवादियों का समर्थन भी शामिल है और इसे वायनाड के भाजपा नेताओं ने भी माना है। राणे ने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं के चुनाव जीतने के दौरान आतंकवादी संगठनों का समर्थन भी था और यह एक तथ्य है, जिसे नकारा नहीं जा सकता।
राहुल और प्रियंका पर आरोप
राणे ने यह भी कहा कि जब राहुल और प्रियंका गांधी चुनाव जीतते हैं, तो उस समय उनके समर्थन में कौन-कौन से आतंकवादी संगठन शामिल होते हैं, यह सब जानते हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से यह सवाल भी पूछा कि क्या वे सामने आकर यह कह सकते हैं कि उनके चुनावी अभियान में किसी भी आतंकवादी संगठन का समर्थन नहीं था। राणे ने यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने जो कुछ कहा वह पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित था और इसके लिए वे और सबूत भी पेश करेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
नितेश राणे के इस बयान के बाद विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने उनके बयान को घृणित और बेतुका करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे नितेश राणे का बेतुका आरोप बताते हुए कहा कि उनका बयान समाज को विभाजित करने और नफरत फैलाने वाला है। उन्होंने कहा, “राणे का बयान पूरी तरह से अपमानजनक है और इस तरह के बयान देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करते हैं।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि नितेश राणे को यह समझना चाहिए कि ऐसे आरोपों से देश में सांप्रदायिक तनाव और नफरत फैलती है, जो देश के लिए सही नहीं है।
साथ ही, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी राणे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना ने इसे “गैर जिम्मेदाराना बयान” बताते हुए कहा कि इस तरह के बयान राजनीति में सही नहीं हैं। पार्टी ने नितेश राणे से यह अपील की कि वे अपने शब्दों का चयन अधिक सोच-समझ कर करें और इस तरह के विवादों से बचें। शिवसेना के एक नेता ने कहा, “राणे को समझना चाहिए कि इस तरह के बयान समाज में और राजनीति में और अधिक हिंसा और नफरत को बढ़ावा देते हैं।”
राजनीतिक माहौल पर असर
नितेश राणे के इस बयान से राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। इस बयान के बाद राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है, और इससे महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में भी असर पड़ सकता है। भाजपा द्वारा इस तरह के बयान को लेकर पार्टी के भीतर भी हलचल मचने की संभावना है, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बयान की आलोचना कर सकते हैं।
नितेश राणे के बयान का संदर्भ
राणे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में मुस्लिम समुदाय के प्रति भाजपा के नेताओं के बयान अक्सर विवाद का कारण बनते हैं। इससे पहले भी भाजपा नेताओं ने इस तरह के विवादित बयान दिए हैं, लेकिन नितेश राणे का यह बयान और भी गंभीर मोड़ पर जा सकता है क्योंकि इसमें सीधे तौर पर आतंकवाद और कांग्रेस नेताओं का नाम लिया गया है।
नितेश राणे का बयान राजनीति में एक नई चर्चा का कारण बन चुका है। हालांकि, उनकी टिप्पणियाँ समाज में विभाजन और नफरत को बढ़ावा देने के रूप में देखी जा रही हैं, लेकिन यह भी सच है कि इस तरह के बयान राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिए जाते हैं। अब यह देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस इस मुद्दे पर आगे किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती हैं और क्या यह विवाद आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभाता है।