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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक स्थल को लेकर एक नई राजनीतिक उठापटक सामने आई है। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं। सिद्धू ने कहा, “जब कोई व्यक्ति इस दुनिया से चला जाता है, तो सभी राजनीतिक मतभेद समाप्त हो जाते हैं। लेकिन यहां राजनीति हो रही है। अगर अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के समय यह कहा जाता कि उनका स्मारक राजघाट पर नहीं बनेगा, तो देश पर क्या असर पड़ता?” सिद्धू ने इसे सिर्फ एक पार्टी का मामला नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के सम्मान का प्रश्न बताया।
संजय सिंह ने भी बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “यह बहुत शर्मनाक है कि हम इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछता हूं, क्या वजह है कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट में स्थान देने से आप इंकार कर रहे हैं? क्या किसी और प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर हुआ है?”
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले को पहले ही हल कर लिया जाना चाहिए था। उनका कहना था, “यह केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि पूरे देश और भारतीय समाज की इच्छा है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर किया जाए, जहां उनका स्मारक बने।”
बीजेपी ने इन आरोपों का तीखा जवाब दिया और कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कांग्रेस ने कभी गांधी परिवार से बाहर के नेताओं का सम्मान नहीं किया। मोदी सरकार ने सभी दलों के नेताओं का आदर किया है, चाहे वह भारत रत्न से सम्मानित करना हो या अन्य सम्मान।”
इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर संपर्क किया और डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए उचित स्थल आवंटित करने की अपील की। गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई करेगी और अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं होगी।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में हुआ। उम्र संबंधित समस्याओं के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि उनका स्मारक जरूर बनेगा, लेकिन इसका स्थान अभी तय नहीं किया गया है।