दिल्ली के परिवहन मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गहलोत ने अपने इस्तीफे के पत्र में पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि AAP अब जनता के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए लड़ रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है।
कैलाश गहलोत के इस्तीफे के मुख्य कारण:
- पूरा न किए गए चुनावी वादे: गहलोत ने आरोप लगाया कि पार्टी ने यमुना नदी को स्वच्छ बनाने जैसे वादों को पूरा नहीं किया। उनके अनुसार, यमुना पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है।
- श्रीश महल विवाद: गहलोत ने अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को लेकर हुए विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पार्टी की “आम आदमी” छवि को नुकसान हुआ है।
- केंद्र सरकार से लगातार टकराव: गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार का केंद्र के साथ संघर्ष शहर की प्रगति में बाधा बन रहा है।
- आंतरिक समस्याएं: उन्होंने पार्टी के अंदर की राजनीति और गुटबाजी को भी इस्तीफे का एक प्रमुख कारण बताया।
पार्टी और विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- AAP ने इस इस्तीफे को बीजेपी की साजिश करार दिया। पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई के दबाव में इस्तीफा दिया गया।
- बीजेपी ने इस कदम को “AAP के डूबते जहाज” का संकेत बताया और कहा कि पार्टी ने अपने मूल वादों को तोड़ दिया है और भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है।
राजनीतिक असर:
Kailash Gahlot का इस्तीफा दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले AAP के लिए एक बड़ा झटका है। वे पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उनके पास परिवहन, आईटी, गृह, और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और यह आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।